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Wednesday, December 18, 2019

6:55 PM 0

Christmas Day 25 December Essay in English || Speech on Christmas Day 25 December

           

On Christmas, Christians decorate their houses well. Christmas preparations begin already. The leave lasts for about a week. Brightness of markets increases. The houses and markets are illuminated with colorful lights. Christmas is the biggest festival of Christians. People of Christian community celebrate this festival with much pomp and gaiety. This festival is celebrated every year on 25 December. It was on this day that the Lord Jesus Christ or Jesus Christ was born. 

On this day special prayers are held in the church. People visit their relatives and friends at their home. All give each other gifts. On this day a Christmas tree is planted in the courtyard. Its special decoration is done. Cake has special significance in this festival. The custom of cutting and feeding sweet, Manmohan cakes is very old. People feed each other cake and greet the festival. Taking the form of Santa Claus, a person distributes toffees, gifts etc. to children.
Jesus Christ was a great man and taught society love and humanity. He gave a message to the people of the world to live with love and brotherhood. He is considered the only loving son of God. The rulers of that time did not like the message of Jesus. They killed Jesus by hanging him on the cross. It is believed that Jesus was resurrected. It is said that Santa Claus comes from heaven and gives people the things they want as gifts.


Christmas Day full concept



15 days before Christmas, the people of Christ's society start preparing for it. People of the Christian community celebrate the Christmas festival on 25 December every year.


The Christmas festival is celebrated as the birthday of Jesus Christ.A few days before Christmas, various events begin in the church, which go on till New Year. Christmas is the largest and happiest festival of the Christian community, hence it is also called the big day. Homes are cleaned, new clothes are bought, a variety of dishes are made. Churches are specially decorated for this day.
              
In many places there is a nightly prayer meeting in the churches on the night before Christmas, which goes on till 12 in the night. At exactly 12 o'clock, people give Christmas greetings to their loved ones and celebrate.


These programs portray the birth story of the Lord Jesus Christ as a play. Antakshari of Christ songs are played, different types of games are played, prayers are performed etc.


In many places processions are taken out by the Christian community on Christmas day. In which tableaux of the Lord Jesus Christ are presented. On this day people of other religions also pray by lighting candles in the church.


There is a special prayer meeting in the churches on Christmas morning. The special Christmas dish is the cake, the cake is incomplete without Christmas. On this day, people decorate the Christmas tree in churches and their homes.


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Tuesday, December 17, 2019

क्रिसमस-डे / बड़ा दिन पर निबन्ध | Chritsmas Day Essay in Hindi | Speech on Christmas Day in Hindi

6:06 AM 0

क्रिसमस-डे / बड़ा दिन पर निबन्ध | Chritsmas Day Essay in Hindi | Speech on Christmas Day in Hindi


क्रिसमस के दिन ईसाई लोग अपने घर को भलीभांति सजाते हैं। क्रिसमस की तैयारियां पहले से ही होने लगती हैं। लगभग एक सप्ताह तक छुट्‍टी रहती है।

बाजारों की रौनक बढ़ जाती है। घर और बाजार रंगीन रोशनियों से जगमगा उठते हैं।

क्रिसमस ईसाइयों का सबसे बड़ा त्योहार है। ईसाई समुदाय के लोग इस त्योहार को बहुत धूमधाम और उल्लास के साथ मनाते हैं।

यह त्योहार हर वर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है। इसी दिन प्रभु ईसा मसीह या जीसस क्राइस्ट का जन्म हुआ था।

इस दिन चर्च में विशेष प्रार्थनाएं होती हैं। लोग अपने रिश्तेदारों एवं मित्रों से मिलने उनके घर जाते हैं।

सभी एक-दूसरे को उपहार देते हैं। इस दिन आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। इसकी विशेष सज्जा की जाती है।

इस त्योहार में केक का विशेष महत्व है। मीठे, मनमोहन केक काटकर खिलाने का रिवाज बहुत पुराना है। लोग एक-दूसरे को केक खिलाकर पर्व की बधाई देते हैं।

सांताक्लाज का रूप धरकर व्यक्ति बच्चों को टॉफियां-उपहार आदि बांटता है।

जीसस क्राइस्ट एक महान व्यक्ति थे और उन्होंने समाज को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी।
उन्होंने दुनिया के लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया था। इन्हें ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। उस समय के शासकों को जीसस का संदेश पसंद नहीं था। उन्होंने जीसस को सूली पर लटका कर मार डाला था। ऐसी मान्यता है कि जीसस फिर से जी उठे थे।


ऐसा कहा जाता है कि सांताक्लाज स्वर्ग से आता है और लोगों को मनचाही चीजें उपहार के तौर पर देकर जाता है।



Christmas Day full concept


क्रिसमस के 15 दिन पहले से ही मसीह समाज के लोग इसकी तैयारियों में जुट जाते हैं।

क्रिश्चियन समुदाय के लोग हर साल 25 दिसंबर के दिन क्रिसमस का त्योहार मनाते हैं।

क्रिसमस का त्योहार ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।

क्रिसमस के कुछ दिन पहले से ही चर्च में विभिन्न कार्यक्रम शुरु हो जाते हैं, जो न्यू ईयर तक चलते रहते हैं।

क्रिसमस क्रिश्चियन समुदाय का सबसे बड़ा और खुशी का त्योहार है, इस कारण इसे बड़ा दिन भी कहा जाता है।


घरों की सफाई की जाती है, नए कपड़े खरीदे जाते हैं, विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं।

इस दिन के लिए विशेष रूप से चर्चों को सजाया जाता है।

कई जगह क्रिसमस की पूर्व रात्रि, गि‍‍‍‍रिजाघरों में रात्रिकालीन प्रार्थना सभा की जाती है जो रात के 12 बजे तक चलती है। ठीक 12 बजे लोग अपने प्रियजनों को क्रिसमस की बधाइयां देते हैं और खुशियां मनाते हैं।

इन कार्यक्रमों में प्रभु यीशु मसीह की जन्म गाथा को नाटक के रूप में प्रदर्शित किया जाता है। मसीह गीतों की अंताक्षरी खेली जाती है, विभिन्न प्रकार के गेम्स खेले जाते है, प्राथनाएं की जाती हैं आदि।

कई जगह क्रिसमस के दिन मसीह समाज द्वारा जुलूस निकाला जाता है। जिसमें प्रभु यीशु मसीह की झांकियां प्रस्तुत की जाती हैं।

इस दिन अन्य धर्मों के लोग भी चर्च में मोमबत्तियां जलाकर प्रार्थना करते हैं।

क्रिसमस की सुबह गि‍‍‍‍रिजाघरों में‍ विशेष प्रार्थना सभा होती है।

क्रिसमस का विशेष व्यंजन केक है, केक बिना क्रिसमस अधूरा होता है।

इस दिन लोग चर्च और अपने घरों में क्रिसमस ट्री सजाते हैं।

सांताक्लॉज बच्चों को चॉकलेट्स और गिफ्ट्स देते हैं।



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Monday, December 16, 2019

4:44 AM 0

Essay on New Year in English | Happy New Year Speech


However, according to Hindu calendar, the new year does not start from January 1. The Hindu New Year begins with Gudi Padwa.

But celebrating the new year on 1 January also contributes significantly to the unity of all religions, as everyone celebrates it together.

From the night of 31 December, people start celebrating the new year by gathering in different groups in many places and at 12 o'clock, everyone wishes each other new year.

Party is organized in many places in the joy of New Year which is entertained by dancing and singing along with delicious dishes as well as fun games.

Some people start the new year by remembering God by organizing religious programs. By the way, the new year is celebrated on different days all over the world and in different regions of India also the new year starts at different times.

But according to the English calendar, January 1 is considered to be the beginning of the new year, because according to the English calendar, the new calendar year starts from January 1, after the end of one year on December 31.



Therefore, this day is celebrated as a festival to celebrate the new year. The new year marks a new beginning and one always learns to move forward.

Whatever we have learned in the old year, learning from what succeeded or failed, we should move forward with a new hope.

Just as we do not get sad at the end of the old year but welcome the new year with great enthusiasm and happiness, in the same way we should not be sad about the time spent in life.

Instead of thinking about what has passed, welcome the opportunities that come and try to improve life through them.

The new year gives hope for new hopes, new dreams, new goals and new ideas, so everyone is happy to welcome it.  

It is believed that if the first day of the year is celebrated with enthusiasm and happiness, then the whole year will be spent with this enthusiasm and happiness.


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नई साल पर निबन्ध हिन्दी में / Esaay on New Year / Happy New Year Speech / नई साल पर भाषण

4:21 AM 0

नई साल पर निबन्ध हिन्दी में / Esaay on New Year / Happy New Year Speech / नई साल पर भाषण


हालांकि हिन्दू पंचांग के अनुसार नया साल 1 जनवरी से शुरू नहीं होता। हिन्दू नववर्ष का आगाज गुड़ी पड़वा से होता है। 

लेकिन 1 जनवरी को नया साल मनाना सभी धर्मों में एकता कायम करने में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है, क्योंकि इसे सभी मिलकर मनाते हैं।

 31 दिसंबर की रात से ही कई स्थानों पर अलग-अलग समूहों में इकट्ठा होकर लोग नए साल का जश्न मनाना शुरू कर देते हैं और रात 12 बजते ही सभी एक दूसरे को नए साल की शुभकामनाएं देते हैं।


नए साल की खुशी में कई स्थानों पर पार्टी आयोजित की जाती है जिसमें नाच-गाना और स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ-साथ मजेदार खेलों के जरिए मनोरंजन किया जाता है।

 कुछ लोग धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन कर ईश्वर को याद कर नए साल की शुरुआत करते हैं।


वैसे तो पूरी दुनिया में नया साल अलग-अलग दिन मनाया जाता है और भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में भी नए साल की शुरुआत अलग-अलग समय होती है। 

लेकिन अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 1 जनवरी से नए साल की शुरुआत मानी जाती है, क्योंकि अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से 31 दिसंबर को एक वर्ष का अंत होने के बाद 1 जनवरी से नए कैलेंडर वर्ष की शुरुआत होती है।

इसलिए इस दिन को पूरी दुनिया में नया साल शुरू होने के उपलक्ष्य में पर्व की तरह मनाया जाता है।


नया साल एक नई शुरुआत को दर्शाता है और हमेशा आगे बढ़ने की सीख देता है। पुराने साल में हमने जो भी किया, सीखा, सफल या असफल हुए उससे सीख लेकर, एक नई उम्मीद के साथ आगे बढ़ना चाहिए।


जिस प्रकार हम पुराने साल के समाप्त होने पर दुखी नहीं होते बल्‍कि नए साल का स्वागत बड़े उत्साह और खुशी के साथ करते हैं, उसी तरह जीवन में भी बीते हुए समय को लेकर हमें दुखी नहीं होना चाहिए। 

जो बीत गया उसके बारे में सोचने की अपेक्षा आने वाले अवसरों का स्वागत करें और उनके जरिए जीवन को बेहतर बनाने की कोशिश करें।

नया साल नई उम्मीदें, नए सपने, नए लक्ष्य और नए आइडियाज की उम्मीद देता है, इसलिए सभी लोग खुशी से इसका स्वागत करते है।

 ऐसा माना जाता है कि साल का पहला दिन अगर उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाए, तो पूरा साल इसी उत्साह और खुशियों के साथ बीतेगा।


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Sunday, December 15, 2019

Pollution: A Problem Essay in English

2:41 AM 0

Pollution: A Problem Essay in English


Preface:   In this age of science, where humans have got some boons, there have been some curses. Pollution is a curse born out of the womb of science and which most of the people are forced to bear.


Meaning of pollution:   Pollution means - defect in natural balance. Neither pure air, nor pure water, nor pure food, nor a peaceful atmosphere. There are many types of pollution! Major pollution are air pollution, water pollution and noise pollution.


Noise pollution:  Humans need a quiet environment to live. But nowadays the noise of the factories, the noise of traffic, the shouting of motor vehicles, the parodic sound of loud speakers has led to deafness and stress.


Air pollution:   This pollution is more in metros. Around the clock, the smoke of factories and the black smoke of motor vehicles has spread in such a way that breathing in healthy air has become difficult. When the women of Mumbai go to remove the washed clothes from the roof, they get dark black particles frozen on them. These particles go into the lungs of humans with breath and give rise to incurable diseases! This problem is more where there is dense population, lack of trees and the environment is tight.


Water pollution:  The contaminated water of the factories mixes in the river drains and causes severe water pollution. At the time of flood, the foul water of the factories dissolves in all the sewers. Many diseases arise due to this.


Reasons for pollution:   Factories, excessive use of scientific instruments, fridges, coolers, air conditioning, power plants etc. are to blame for increasing pollution. The deterioration of the natural balance is also the main reason. Blind-cutting of trees has disturbed the cycle of weather. Pollution has also increased due to lack of greenery in densely populated areas.


Consequences of Pollutions:   Due to the above mentioned pollution, healthy life of human being is threatened. The man has longed for long breath in the open air. Due to the dirty water many diseases go into the crops which reach the human body and cause deadly diseases.Thousands of people died due to leaking gas from Bhopal gas factory, how many were crippled. Due to environment-pollution neither rain comes on time, nor does the cycle of winter-summer run properly. Pollution is also the cause of natural outbreaks like drought, floods, hailstones, etc.


Measures for improvement:   In order to avoid various types of pollution that more and more trees should be planted, the amount of greenery is more. There should be dense trees along the roads. Populated areas should be open, covered with greenery. People should be kept away from the population and they should think of ways to destroy the polluted sewage.



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Saturday, December 14, 2019

प्रदूषण : एक समस्या निबन्ध हिन्दी में | Pollution: A Problem Essay in Hindi

7:30 PM 0
प्रदूषण : एक समस्या निबन्ध हिन्दी में | Pollution: A Problem Essay in Hindi


प्रस्तावना (Introduction) : विज्ञान के इस युग में                                 मानव को जहां कुछ वरदान मिले है, वहां कुछ अभिशाप भी मिले हैं। प्रदूषण एक ऐसा अभिशाप हैं जो विज्ञान की कोख में से जन्मा हैं और जिसे सहने के लिए अधिकांश जनता मजबूर हैं। 

प्रदूषण का अर्थ (Meaning of Pollution): प्रदूषण का अर्थ है -प्राकृतिक संतुलन                     में दोष पैदा होना। न शुद्ध वायु मिलना, न शुद्ध जल मिलना, न शुद्ध खाद्य मिलना, न शांत वातावरण मिलना। प्रदूषण कई प्रकार का होता है! प्रमुख प्रदूषण हैं - वायु-प्रदूषण, जल-प्रदूषण और ध्वनि-प्रदूषण । 


ध्वनि-प्रदूषण (Sound Pollution) : मनुष्य को                                   रहने के लिए शांत वातावरण चाहिए। परन्तु आजकल कल-कारखानों का शोर, यातायात का शोर, मोटर-गाड़ियों की चिल्ल-पों, लाउड स्पीकरों की कर्णभेदक ध्वनि ने बहरेपन और तनाव को जन्म दिया है।

वायु-प्रदूषण (Air Pollution) : महानगरों में यह                                प्रदूषण अधिक है। वहां चौबीसों घंटे कल-कारखानों का धुआं, मोटर-वाहनों का काला धुआं इस तरह फैल गया है कि स्वस्थ वायु में सांस लेना दूभर हो गया है। मुंबई की महिलाएं धोए हुए वस्त्र छत से उतारने जाती है तो उन पर काले-काले कण जमे हुए पाती है। ये कण सांस के साथ मनुष्य के फेफड़ों में चले जाते हैं और असाध्य रोगों को जन्म देते हैं! यह समस्या वहां अधिक होती हैं जहां सघन आबादी होती है, वृक्षों का अभाव होता है और वातावरण तंग होता है।

जल-प्रदूषण (Water Pollution) :कल-कारखानों                                  का दूषित जल नदी-नालों में मिलकर भयंकर जल-प्रदूषण पैदा करता है। बाढ़ के समय तो कारखानों का दुर्गंधित जल सब नाली-नालों में घुल मिल जाता है। इससे अनेक बीमारियां पैदा होती है। 


प्रदूषण के कारण (Cause of Pollution) :                               प्रदूषण को बढ़ाने में कल-कारखाने, वैज्ञानिक साधनों का अधिक उपयोग, फ्रिज, कूलर, वातानुकूलन, ऊर्जा संयंत्र आदि दोषी हैं। प्राकृतिक संतुलन का बिगड़ना भी मुख्य कारण है। वृक्षों को अंधा-धुंध काटने से मौसम का चक्र बिगड़ा है। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में हरियाली न होने से भी प्रदूषण बढ़ा है।

प्रदूषणों के दुष्परिणाम (Side effects of :                                                     उपर्युक्त प्रदूषणों के कारण मानव के स्वस्थ जीवन को खतरा पैदा हो गया है। खुली हवा में लम्बी सांस लेने तक को तरस गया है आदमी। गंदे जल के कारण कई बीमारियां फसलों में चली जाती हैं जो मनुष्य के शरीर में पहुंचकर घातक बीमारियां पैदा करती हैं। भोपाल गैस कारखाने से रिसी गैस के कारण हजारों लोग मर गए, कितने ही अपंग हो गए। पर्यावरण-प्रदूषण के कारण न समय पर वर्षा आती है, न सर्दी-गर्मी का चक्र ठीक चलता है। सुखा, बाढ़, ओला आदि प्राकृतिक प्रकोपों का कारण भी प्रदूषण है।


सुधार के उपाय (Improvement Measures) :                                    विभिन्न प्रकार के प्रदूषण से बचने के लिए चाहिए कि अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएं, हरियाली की मात्रा अधिक हो। सड़कों के किनारे घने वृक्ष हों। आबादी वाले क्षेत्र खुले हों, हवादार हों, हरियाली से ओतप्रोत हों। कल-कारखानों को आबादी से दूर रखना चाहिए और उनसे निकले प्रदूषित मल को नष्ट करने के उपाय सोचना चाहिए।

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Pollution : A Problem Essay In English
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Tuesday, December 3, 2019

हिन्दी महत्वपूर्ण पर्यायवाची शब्द+Important Hindi Synonyms

3:50 PM 0

हिन्दी महत्वपूर्ण पर्यायवाची शब्द+Important Hindi Synonyms

             

1-कमल  👉 पद्म, पंकज, नीरज, सरोज, जलज, कंज, राजीव, अरविन्द, शतदल, अम्बुज, सरसिज, नलिन, पुष्कर, पुण्डरीक

2-नदी  👉 सरिता, तटिनी, वाहिनी, तरंगिणी, निर्झरिणी, शैलजा, जलमाला, नद, शैवालिनी, प्रवाहिनी

3-आँख  👉 लोचन, नयन, नेत्र, चक्षु, दृग, विलोचन, दृष्टि, अक्षि

4- बादल  👉मेघ, घन, जलधर, जलद, वारिद, नीरद, पयोद, पयोधर, अम्बुद, धराधर, वारिवाह, वारिधर

5-बन्दर 👉वानर, कपि, कपीश, मर्कट

6-वस्त्र   👉कपड़ा, वसन, चीर, परिधान, पट

7-तलवार 👉 असि, करवाल, कृपाण, खडग, शायक, चंद्रहास

8-  शरीर 👉देह, तनु, काया, कलेवर, अंग, गात, तन

9- पत्थर 👉 पाहन, पाषाण, शिला, शैल, प्रस्तर, उपल, अश्म

10-विष्णु  👉 नारायण, दामोदर, पीताम्बर, चक्रपाणी, जनार्दन, मुकुंद, गोविन्द, कमलाकांत, लक्ष्मीपति, उपेन्द्र

11-खून 👉 रक्त, लहू, रुधिर, शोणित, लोहू

12-दूध  👉 दुग्ध, पय, गोरस, क्षीर

13- साँप  👉नाग, विषधर, भुजंग, अहि, उरग, काकोदर, फणीश, सारंग, व्याल, सर्प

14-सूरज  👉दिनकर, प्रभाकर, दिवाकर, भास्कर, सविता, भानु, दिनेश, मार्तण्ड, अंशुमाली, सूर्य, रवि

15-ताप 👉निदाघ, ऊष्मा, गरमी, ग्रीष्म

16-मित्र 👉सखा, सहचर, दोस्त, भीत, सुह्रद

17-बाग  👉वाटिका, कुसुमाकर, उद्यान, उपवन, बगीचा

18-माँ  👉 प्रसू, मैया, महतारी, माई, धात्री, माता, जननी

19-अर्थ 👉तात्पर्य, मायने, मतलब, अभिप्राय, आशय

20- कुसुम 👉मंजरी, प्रसून, पुष्प, फूल, सुमन

21-शंकर 👉गंगाधर, रूद्र, विश्वनाथ, भोलेनाथ, शम्भू, त्रिलोचन, चंद्रशेखर, गिरीश, पशुपति, गौरीनाथ, शिव, महेश, महादेव, नीलकंठ

22- नरेश 👉महीपति, अवनीश, नरपति, नरेन्द्र, महिपाल, राजा, नृप, भूपति, भूप

23-तनुजा  👉 सुता, तनया, लड़की, नन्दिनी, दुहिता, कन्या, पुत्री, बेटी

24- पैर 👉चरण, पद, पग, पाँव

25-कुम्भीपाक 👉 नरक, यमलोक, यमालय, दुर्गति

26-आधुनिक 👉  अर्वाचीन, वर्तमानकालीन, नया, नूतन, नव, नवीन, नव्य

27-यमुना 👉जमुना, सूर्यसुता, कृष्णा, अर्कजा, रवितनया, कालिंदी

28- अर्थ 👉धन, दौलत, संपत्ति, सम्पदा, वित्त, लक्ष्मी

29-कमलाकांत 👉 लक्ष्मीपति, उपेन्द्र, विष्णु, नारायण, दामोदर, पीताम्बर, चक्रपाणी, जनार्दन, मुकुंद, गोविन्द

30-शुद्ध 👉पावन, पवित्र, स्वच्छ, पुनीत, पाक, साफ
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